NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT SHIV CHAISA

Not known Factual Statements About Shiv chaisa

Not known Factual Statements About Shiv chaisa

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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील कंठ को कोटि प्रणाम

॥ शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा…॥

नाथ असुर प्राणी सब पर ही भोले का उपकार हुआ।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

शिव जी तो है बड़े दयालु देंगे दोनों हाथो से,

अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके गले में मुंडमाल shiv chalisa lyricsl है। बाघ की खाल के वस्त्र भी आपके तन पर जंच रहे हैं। आपकी छवि को देखकर नाग भी आकर्षित होते हैं।

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

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